8 Parties Wrote A Letter To PM Modi : मनीष सिसोदिया यानी आप के नेता की गिरफ्तारी को लेकर चल रही राजनीतिक जंग के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आठ विपक्षी दलों ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का।
कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के चंद्रशेखर राव, भगवंत मान, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के साथ विपक्षी नेताओं के द्वारा हस्ताक्षरित पत्र से दूर रही है।
इस पत्र के उपर किन किन ने हस्ताक्षर किये
इस पत्र के उपर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में फारूक अब्दुल्ला – नेशनल कॉन्फ्रेंस, शरद पवार – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख, उद्धव ठाकरे – शिवसेना, अखिलेश यादव – समाजवादी पार्टी के प्रमुख और तेजस्वी यादव – बिहार के उपमुख्यमंत्री शामिल हैं।
गांधी परिवार की जांच
यंग इंडियन – नेशनल हेराल्ड न्यूज़ पेपर चलाने वाली एक कंपनी के एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण से जुड़े मामले मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के द्वारा गांधी परिवार की जांच करी जा रही है। ईडी ने पिछले साल ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से पूछताछ करीथी।
लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तन
इस पत्र में ये कहा गया है की, हमें ऐसी उम्मीद है कि आप इस बात से पूरी तरह सहमत होंगे कि भारत आज भी एक लोकतांत्रिक देश है। केंद्रीय एजेंसियों के विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ खुलेआम दुरुपयोग से ऐसा लगता है कि हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो चुके हैं।”
8 पार्पीटियों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र
विपक्षी के नेताओं ने पीएम नरेन्द्र मोदी को लिखे हुए पत्र में ये कहा, “लंबे समय तक विच-हंट के बाद में , सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को बिना किसी तरह के सबूत के अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।”
साल 2014 के बाद से जांच
आपके प्रशासन के दारा साल 2014 के बाद से जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए बुक किए गए, मारे गए छापे या फिर पूछताछ की गई जाने माने राजनेताओं की कुल संख्या में, ज्यादातर विपक्ष के हैं। सबसे अचम्बे वाली बात यह है कि भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी राजनेताओं की जांच एजेंसियां के द्वारा धीमी गति से चलती हैं। ऐसा इस पत्र में कहा गया था।
शारदा चिटफंड घोटाला
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जो विपक्षी नेता है उनका उदाहरण दिया, जो की साल 2014 और साल 2015 में हुए शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर ईडीऔर सीबीआई की जांच के दायरे में आये थे, और तब वह कांग्रेस के साथ थे।
हालांकि तब ये मामला आगे नहीं बड़ा जब श्री सरमा भाजपा में शामिल हुए थे। और इसी तरह से, टीएमसी यानी की तृणमूल कांग्रेस के पिछले नेता शुभेंदु अधिकारी तथा मुकुल रॉय नारद उस समय स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में थे, लेकिन ये मामले पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने से पहले ही भाजपा में शामिल होने के बाद से ही किसी तरह की प्रगति नहीं हुई।”
साल 2014 के बाद से ही विपक्ष के नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले
इसी तरह साल 2014 के बाद से ही, विपक्ष के नेताओं के खिलाफ दर्ज किए छापे के मामले और फिर गिरफ्तारी की संख्या में वृद्धि हुई है। फिर चाहे वो अभिषेक बनर्जी हो, नवाब मलिक हो, लालू प्रसाद यादव हो, संजय राउत हो, आजम खान हो या फिर अनिल देशमुख हो इस सभी पर केंद्रीय एजेंसियों ने ज्यादातर जताया है कि वो सभी केंद्र में सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तारित के रूप में काम कर रहे थे। इस तरह के कई मामलो को इस पत्र में कहा कि गिरफ्तारियां चुनावों के साथ हुई हैं, जिससे यह साफ़ हो गया है कि वो राजनीति से प्रेरित थे।
मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप
हम आपको बता दे की मनीष सिसोदिया को दिल्ली में शराब नीति को तैयार करने में कथित भ्रष्टाचार का आरोप में गिरफ्तार करा था। इसके बाद भाजपा ने आप के इस राजनीतिक प्रतिशोध के तर्क को खारिज करते हुए ऐसा कहा कि भले ही चाहे वो वह शिक्षा मंत्री हों या फिर जिन्होंने स्कूलों में कुछ सुधार का कुछ काम किया हो, लेकिन वह सभी उस पर्दे का इस्तेमाल नहीं कर सकते जिसके पीछे की तरफ वह भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं।
प्रवीण शंकर कपूर भाजपा के प्रवक्ता का बयान
शुक्रवार को दिल्ली के भाजपा के प्रवक्ता जो प्रवीण शंकर कपूर ही उन्होंने कहा, ‘यह बात खेदजनक है कि मनीष सिसोदिया जी की गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली की सरकार अपनी गंदी राजनीति शिक्षा के नाम पर नहीं रोक रही और इसमें स्कूली बच्चों को भी शामिल करने लग गई है।’ अपनी पार्टी के गिरफ्तार नेता के समर्थन जुटाने के लिए यहाँ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में डेस्क स्थापित करने की योजना का जिक्र किया जिसमे लिखा “आई लव मनीष सिसोदिया” जिसे आप पार्टी ने दिल्ली की पार्टी की छवि को धुल में मिलाने के लिए एक फर्जी खबर बताया है भाजपा द्वारा गढ़ी गई।