शनिवार की रात यानी की 15 अप्रैल 202 3 को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पत्रकार बनकर तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शूटिंग तब हुई जब अतीक और अशरफ पुलिस घेरे में थे और 18 राउंड गोलियां चलाई गईं। इनमें से आठ शॉट अतीक अहमद को लगे। अतीक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
आठ शॉट अतीक अहमद को लगे
रविवार दोपहर अतीक और अशरफ का पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट में पाया गया कि गोलीबारी के दौरान अतीक को 8 गोलियां लगीं, जबकि अशरफ को 5 गोलियां लगीं। फिर उनके शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। पोस्ट-मॉर्टम चार डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा आयोजित की गई थी, और पूरी प्रक्रिया की वीडियो फुटेज ली गई थी।
अतीक को कहां गोली लगी?
- एक गोली सिर में
- एक गोली गर्दन में
- एक गोली छाती में
- एक गोली कमर में
अशरफ को कहां गोली लगी?
- एक गोली गले में
- एक गोली बीच पीठ में
- एक गोली कलाई में
- एक गोली पेट में
- एक गोली कमर में
अशरफ के शरीर के अंदर तीन गोलियां पाई गई हैं और दो आर-पार हो गई हैं।
पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टरों की टीम में शामिल है?
- डॉ दीपक तिवारी
- डॉ बृजेश पटेल
- रविंद्र सिंह (डिप्टी सीएमओ)
- डॉ दिनेश कुमार सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर, फॉरेंसिक)
- वीडियोग्राफर- रोहित कनौजिया
हत्या के समय अतीक और अशरफ प्रयागराज पुलिस की हिरासत में थे। उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाया गया, इस दौरान यूपी पुलिस के जवान भी मौजूद रहे। जब मीडिया ने दोनों लोगों से सवाल पूछना शुरू किया तो पत्रकारों के भेष में आए हमलावरों ने आनन-फानन में 18 राउंड गोलियां चला दीं. उन दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
तीनों हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया
अतीक-अशरफ के तीनों हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने उन्हें पहले ही अपराध स्थल पर पकड़ लिया था, और जब उनसे हिरासत में पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया और हत्याकांड को अंजाम देने का कारण बताया। पुलिस ने इनकी क्राइम कुंडली खंगाली तो पता चला कि ये तीनों हिस्ट्रीशीटर हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं।
हत्यारों की हुई पहचान
अब तक की जांच में पता चला है कि लवलेश तिवारी बांदा, अरुण मौर्य कासगंज और सनी हमीरपुर जनपद के रहने वाले हैं. इन तीनों ने पूछताछ के दौरान अपने निवास स्थान का पता दिया है। यह भी पुष्टि हुई है कि ये तीनों अतीक और अशरफ की हत्या करने के इरादे से प्रयागराज आए थे। फिलहाल पुलिस इनके बयानों की पुष्टि कर रही है।
बड़ा माफिया बनना चाहते थे आरोपी
अतीक और अशरफ की हत्या के तीनों संदिग्धों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि पूर्व के मामलों में आरोपितों पर कहां और कब आरोप लगाए गए हैं। संदिग्धों ने कथित तौर पर कहा है कि वे बड़े माफिया मालिक बनना चाहते थे और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हत्या की। हालांकि, पुलिस अभी तक उनकी कहानी से पूरी तरह आश्वस्त नहीं है और मामले की जांच जारी रखे हुए है।
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