नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग के एक पूर्व मुख्य अभियंता की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. उन्हें एजेंसी ने इस साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था और वर्तमान समय में रांची की होटवार जेल में वो बंद हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्य अभियंता की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
एजेंसी ने इस बात का दावा किया है कि आरोपी जिसका नाम वीरेंद्र कुमार राम जो रांची में ग्रामीण निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात थे और उन्होंने टेंडर आवंटित करने के लिए ठेकेदारों से कमीशन के नाम पर अपराध की आय अर्जित की.
कुर्क की गई संपत्तियों में एक फार्महाउस, फ्लैट और डुप्लेक्स बंगला शामिल है और साथ अहि जमीन भी है जो रांची, दिल्ली और जमशेदपुर में है। उसके तीन बैंक खातों में करीब 36 लाख रुपये जमा हुए। ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच एसीबी, जमशेदपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
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एजेंसी का आरोप है कि राम और उसके परिवार के सदस्य ऐशो-आराम की जीवनशैली जी रहे हैं और कई शहरों में सात महंगी लग्जरी कारों और संपत्तियों के मालिक हैं। इससे पहले राम से जुड़े 30 परिसरों की तलाशी में आपत्तिजनक साक्ष्य सामने आए थे।
तलाशी के दौरान, बड़ी मात्रा में नकदी मिली जो करीब 40 लाख है, सात वाहन और बड़ी मात्रा में गहने बरामद किए गए जो करीब 1.5 करोड़ के है जब्त किए गए जो बाद में उसके द्वारा किये गए अपराध की आय का एक हिस्सा पाए गए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोषणा की कि राम को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। एजेंसी का कहना है कि उसकी मदद उसके चचेरे भाई आलोक रंजन ने की थी, जिसे इस साल 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों फिलहाल हिरासत में हैं।
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