मध्य प्रदेश के भोपाल में एक मीठे पानी के तालाब में एक घड़ियाल गार मछली मिली है, ये मछली जो की अपने मगरमच्छ जैसे सिर और अपने उस्तरे जैसे नुकीले दांतों के लिए फेमस है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मछली तालाब के पारिस्थितिकी तंत्र को गड़बड़ कर सकती है।
भोपाल के तालाब में घड़ियाल गार मछली मिली
एक रिपोर्ट के अनुसार, जिस शख्स ने इस मछली को पकड़ने का दावा किया है जिला प्रशासन उस शख्स के लाइसेंस की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम भी इस मछली के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है. ऐसा बताया जा रहा है की ये मछली पकड़े जाने के कुछ ही समय बाद मर गयी थी, और शायद यह मिली एलीगेटर गार मछली है। इस मछली की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट है।
हाल ही में भोपाल में सोशल मीडिया पर एक मगरमच्छ गारफिश का वीडियो सामने आया था। वन प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि मछली यहां भोपाल के इस तालाब में आई थी या किसी तरह बाहर से लाई गई थी। क्योंकि ये मछली ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में ही पायी जाती है। जानकारों का मानना है कि अलग-अलग राज्यों से मछली का बीज बाजार में लाकर इस तालाब में डाला जाता है, इसलिए वन प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में पायी जाती है
सीड स्टॉकिंग्स में एलीगेटर गार के बीजों को मिलाया जा सकता था। मछली को पकड़ने वाला अनस भी इस खोज से काफी हैरान है। अनस ने बताया कि उसे पहले तो लगा कि यह मगरमच्छ का बच्चा है लेकिन वह इस मामले में गलत था। अनस ने बताया कि अब तक की जानकारी जो जुटाई गयी है उनके आधार पर पता चलता है कि यह अमेरिका में पाया जाने वाला घड़ियाल है।
वन प्रशासन यह भी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इन मछलियों की संख्येया कितनी है, मछलियां ज्यादा संख्या में हैं या फिर नहीं। क्योंकि अगर वे ज्यादा है तो वे अन्य मछलियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन सकते है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार ये एलीगेटर गार मछलियों की उम्र करीब 18-20 साल के बीच हो सकती है।
इस एलीगेटर गार फिश से कई लोग डरते हैं, लेकिन इनके द्वारा लोगों पर हमले की कोई पुष्टि नहीं हुई है। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि ये मछलियां इंसानों के लिए खतरा भी बन सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो मछली पकड़ने की कोशिश करते हैं और उनका व्यापर करते है। और ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन मछलियों के तेज दांत होते है और इसके अलावा, इन मछलियों में तेज हड्डी वाले शल्क भी होते हैं। अगर मछली पकड़ने वाले मछुआरे सावधान नहीं रहते तो उन्हें कट और चोट लग सकती है। जानकारी के अनुसार ये मछलियां करीब 12 फीट लंबी होती हैं। जहाँ तक वन प्रशासन की जानकारी है ये भोपाल में पहली बार घड़ियाल मछली मिली है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से तीसरी कक्षा की एक छात्रा की अपील, विडियो वायरल