नई दिल्ली: भारतीय रेसलर विनेश फोगट वर्तमान में जंतर-मंतर पर अन्य रेसलेर्स के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा के सदस्य बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध कर रही हैं। फोगट का मानना है कि किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना चुनौतीपूर्ण है जो लंबे समय से अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग कर रहा है।
विनेश फोगट ने कहा की अनुराग ठाकुर नें मामले को छुपाने की कोशिश की
यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते ये रेसलेर्स प्रदर्शन कर रहे हैं और डब्ल्यूएफआई प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
रेसलर ने बताया की जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन से पहले उन्होंने एक अधिकारी से मुलाकात की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विनेश ने कहा कि वे जंतर-मंतर पर बैठने से तीन से चार महीने पहले वे सभी एक अधिकारी से मिले, जहां उन्होंने अधिकारी को महिला एथलीटों द्वारा अनुभव किए गए यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना के बारे में बताया लेकिन इन सबके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण, वे डटे रहे और अंत में वो धरने पर बैठ गए।
हम आपको बता दें की विनेश फोगट ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की कार्रवाई नहीं करने और एक समिति बनाकर इस मामले को छुपाने की कोशिश करने की भी आलोचना की।
विरोध से तीन से चार महीने पहले एक अधिकारी से मिले
उन्होंने बताया की एथलीटों द्वारा यौन उत्पीड़न के बारे में केंद्रीय खेल मंत्री से बात करने के बाद विरोध बंद कर दिया गया था। इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण रेसलेर्स ने ये विरोध शुरू किया।
रेसलर बजरंग पुनिया ने इन आरोपों के बारे में बताया कि वह हाल ही में लागू ओलंपिक चयन नियमों के खिलाफ हैं।
बृजभूषण का मानना है कि ओलिंपिक द्वारा तय किए गए नियमों की वजह से एथलीट विरोध कर रहे हैं. हालाँकि, विरोध ओलंपिक से संबंधित नहीं हैं, ये विरोध यौन उत्पीड़न के खिलाफ हैं। भूषण ने कहा की अगर बात ओलिंपिक नियम की करे तो इसके बारे में बोलने से एथलीटों को अपने महासंघों से परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
पहले की वार्ता में डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा कि अगर वह इस्तीफा देते हैं तो इसका मतलब है कि वह पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों को स्वीकार करते हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख द्वारा दिए गए बयान के जवाब में, विनेश फोगट ने कहा कि उनकी सिर्फ एक इच्छा है और वो है न्याय प्राप्त करना है।
बता दें की शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने महिला रेसलेर्स के यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।बीजेपी सांसद ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी की हरियाणा के ज्यादातर खिलाड़ी उनका समर्थन करते हैं, जबकि जंतर-मंतर पर सिर्फ एक कुश्ती परिवार ही विरोध कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘मन की बात’ सुनने का अनुरोध
बता दें की इससे पहले 26 अप्रैल को रेसलेर्स ने जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी ‘मन की बात’ सुनने का अनुरोध किया था।
रेसलर साक्षी मलिक ने मीडिया से बात की और कहा की प्रधानमंत्री मोदी उनकी बात पर ध्यान दें। उन्होंने यह भी बताया कि स्मृति ईरानी भी उनकी बात नहीं सुन रही हैं और वे उनकी आवाज को सुननें के लिए कैंडल मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं।
ये सभी रेसलेर्स पिछले छह दिनों से राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर के पास धरना स्थल पर रुके है, विरोध कर रहे है और अभ्यास कर रहे है।
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